८ वाँ श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव में प्रतिभागिता के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि
१८ दिसंबर, २०२४

"८ वाँ श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव जमशेदपुर २०२४"

उद्देश्य

हिन्दी हमारी राजभाषा है। १४ सितम्बर, १९४९ ई. में हिन्दी को राजभाषा का दर्जा मिला। संविधान सभा में एक मत से हिन्दी को राजभाषा घोषित करते हुए अनुच्छेद ३४३ में इस बात का उल्लेख किया गया कि भारत की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी।

भारत में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव एवं क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति आम जन के झुकाव की वजह से हिन्दी भारत में अब तक राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त नहीं कर पाई है। १४ सितम्बर, १९५३ से भारत में प्रत्येक वर्ष हिन्दी दिवस मनाया जाने लगा, जिससे जनसामान्य हिन्दी की महत्ता को समझ सके।

“संध्या शम्भू एजुकेशनल ट्रस्ट” के द्वारा २०१६ में स्थापित “श्रीनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन” के द्वारा “श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव” का आयोजन किया जाता रहा है। इस महोत्सव में देशभर के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी भाग लेते रहे हैं।

सन २०२१ में श्रीनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से इस महोत्सव के आयोजन का इसका बीड़ा उठाया गया है। यह महोत्सव विद्यार्थियों को एक मंच प्रदान करता है, जहाँ वे हिन्दी भाषा-साहित्य, संस्कृति के प्रति लगाव एवं अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन कर सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव में शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, सृजन और संगीत से जुड़ी विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं, जो विद्यार्थियों में हिन्दी के प्रति रुचि उत्पन्न करती हैं और उन्हें हिन्दी भाषा एवं साहित्य को गहराई से समझने का अवसर देती हैं।

इस अवसर पर विद्यार्थियों को हिन्दी साहित्य की सभी विधाओं से जुड़ने का अवसर मिलता है। विद्यार्थी एवं समारोह में उपस्थित अतिथिगण मूर्धन्य साहित्यकारों के बारे में जान पाते हैं।

इस आयोजन में हिन्दी के विद्वान, कवि और विशेषज्ञ एक छत के नीचे सम्मिलित होते हैं, जिनके व्याख्यान न केवल मंत्रमुग्ध करने वाले होते हैं अपितु नई जानकारियाँ भी उपलब्ध कराते हैं।

श्रीनाथ विश्वविद्यालय का यह महोत्सव हिन्दी भाषा एवं साहित्य को प्रोत्साहित करने का एक विनम्र प्रयास है, जिसे वह पूरे समर्पण के साथ भविष्य में भी जारी रखेगा।