८ वाँ श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव में प्रतिभागिता के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि
१८ दिसंबर, २०२४

"८ वाँ श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी महोत्सव जमशेदपुर २०२४"

कार्यक्रम विवरण

कार्यक्रम विवरण

१) हास्य कवि सम्मेलन

उद्देश्य
हास्य कविता हिन्दी साहित्य की वह विधा है, जिसे पढ़ने व सुनने में आनंद की अनुभूति होती है। इसके कई रसों का स्वादन सभी ने किसी न किसी माध्यम से किया है। यह दैनिक जीवन में घटने वाली घटनाओं को प्रतीकात्मक रूप से प्रस्तुत करती है, जिसमें पाठक एवं श्रोतागण स्वयं में गुदगुदी महसूस करते हैं। हास्य कवि सम्मेलन की प्रतियोगिता में प्रतिभागी अपने काव्य पाठ की क्षमता, बोलने की विशिष्ट शैली आदि का प्रदर्शन करते हैं। हास्य, व्यंग्य से जुड़ा हुआ है। व्यंग्य अपने आप में हास्य का उद्गम है । इस वर्ष हास्य कवि सम्मलेन में विभिन्न राज्यों के वेश-भूषा एवं भाषा शैली का प्रयोग प्रतिभागी अपने काव्य पाठ के दौरान करेंगे | इसके माध्यम से हमारा उद्देश्य है कि हम एक मंच पर भारत के विभिन्न प्रान्तों के परिधान एवं भाषा शैली की प्रस्तुति कर सकें |

२) प्रश्नोत्तरी

उद्देश्य
प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्रतिभागियों के हिन्दी भाषा ज्ञान, बोध, सामान्य ज्ञान और अनुप्रयोग की कुशलता का विकास करना, साथ ही हिन्दी की व्यापकता, गहनता, विशिष्ट शैली आदि की समझ विकसित करना है l दो चरणों में सम्पन्न होनेवाली इस प्रतियोगिता में हिन्दी भाषा के विभिन्न पक्षों यथा भाषा, साहित्य, संस्कृति, सृजन, संगीत के प्रति सकारात्मक अभिवृत्तियों के विकास का समर्थन करना, इस प्रतियोगिता का उद्देश्य है l द्वितीय अथवा अंतिम चरण में तकनीकी के व्यापक उपयोग द्वारा प्रतियोगिता को और भी रोचक तथा प्रभावी बनाना, आधुनिकता के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए भाषा के संरक्षण और संवर्धन का प्रयास करना, इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य है l

३) दीवार सज्जा

उद्देश्य
भारत की सांस्कृतिक विविधता में दीवार सज्जा के लिए चित्रकारी सामान्य रूप से परिलक्षित होती है l यह प्रतियोगिता केवल चित्रांकन ही नहीं बल्कि अपने आप में कोई न कोई सूचना शिक्षा या घटना को चित्रित करती है । दीवार सज्जा स्वयं में एक अनूठी कला है और इससे भी अनूठा है दीवार सज्जा को भारतीय साहित्य से जोड़ना या यूँ कहें सृजनात्मकता और साहित्य का संगम ही इस प्रतियोगिता का उद्देश्य है | प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों में कलात्मकता, रचनात्मकता, सौंदर्यबोध के साथ-साथ सांस्कृतिक संरक्षण जैसी भावना के विकास का प्रयास किया जाता है । प्रतियोगिता में पूरे भारत वर्ष के प्रांतीय/क्षेत्रीय भाषाओं के साहित्यकारों की तस्वीरें दीवार पर रंगों के माध्यम से बनेंगीं |

४) मुद्दे हमारे - विचार आपके

उद्देश्य
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समस्याओं पर चर्चा कर समाधान हेतु सामूहिक विचार-विमर्श करना है । यह कार्यक्रम संवाद को प्रोत्साहित करता है, समस्याओं की पहचान करता है और उनके व्यावहारिक समाधान तलाशने में मदद करता है । इसका मुख्य उद्देश्य समाज में विशेष रूप से युवाओं के बीच जागरूकता बढ़ाना, जनमत एकत्र करना और सामूहिक विचारों को नीति-निर्माताओं तक पहुँचा कर एक सकारात्मक दिशा तय करना है, साथ ही इस प्रतियोगिता के माध्यम से अल्प समयावधि में विद्यार्थियों में विभिन्न विचारों के लिए मस्तिष्क विप्लव होगा, जो उनके लिए लाभदायक रहेगा |

५) साहित्यिक कृति

उद्देश्य
भारतीय साहित्य सही मायने में एक समृद्ध और विविधतापूर्ण संस्कृति का प्रतीक है । इस प्रकार की प्रतियोगिता न केवल छात्रों के सृजनात्मकता और प्रस्तुतीकरण कौशल को बढ़ावा देगी, बल्कि उन्हें भारतीय साहित्य के महान रचनाकारों और उनकी महत्वपूर्ण कृतियों के बारे में भी अवगत कराती है | प्रतिभागियों को इस साहित्यिक यात्रा के माध्यम से भारत के विभिन्न प्रान्तों के क्षेत्रीय भाषा के साहित्यकारों और उनके समय के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य को समझने का अवसर मिलेगा। यह प्रतियोगिता उनके अध्ययन को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करेगी और भारतीय साहित्य के प्रति उनकी रुचि में बढ़ोत्तरी करेगी।

६) मुखड़े पर मुखड़ा

उद्देश्य
प्राचीन काल से ही चित्रों को अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम बनाने में साहित्य तथा शिक्षा का विशेष योगदान रहा है | प्राचीन काल से ही कहानी हो या काव्य, चित्रकारी का उपयोग सर्वव्याप्त रहा है | बीते वर्षों में इस कला ने विविधता के कई रंग बिखेरे हैं और नवीनता के नए आयामों को प्रदर्शित किया है | इस प्रतियोगिता के सौजन्य से प्रतिभागी शिक्षा और साहित्य को समझ कर सृजन करते हैं, जिसमें सम्प्रेषण का एकमात्र माध्यम चित्रकारी ही होता है |

७) व्यक्तित्व झांकी

उद्देश्य
रहन-सहन, खान-पान, भाषा-बोली, रीति-रिवाज, तीज़-त्योहार, परिधान के अनगिनत रंगों से सराबोर भारत की संस्कृति अपने आप में अनूठी अनमोल और अद्भुत है। भारत एक वैविध्य संस्कृति से परिपूर्ण राष्ट्र है। भारत के विभिन्न भाषा, संस्कृति एवं धर्मों का संगम प्रस्तुत करना, इस कार्यक्रम का ध्येय है। हमारी विविधतापूर्ण संस्कृति को व्यक्तित्व के द्वारा सृजनात्मक रूप से प्रस्तुति ही इस प्रतियोगिता को साकार रूप देती है।

८) लिखो कहानी

उद्देश्य
लेखन के माध्यम से ही लेखक अपनी कल्पनाओं, भावों तथा विचारों को साहित्यिक रूप प्रदान करता है और अपने प्रतिभा का विकास करता है। वस्तुतः लेखन-कौशल, भाषाई-कौशल में एक विशेष महत्व रखता है । 'लिखो कहानी' का उद्देश्य प्रतिभागियों के लेखन कला को विकसित करना तथा उनमें निहित साहित्यिक क्षमता को बढ़ाना एवं उनकी सोच को शब्दबद्ध करना है।

९) नुक्कड़ नाटक

उद्देश्य
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में वाचन एवं अभिनय कौशल को विकसित करना है | प्रतियोगिता विश्वविद्यालय परिसर से बाहर होगी, जिससे प्रतिभागियों को दर्शकों के बड़े समूह में अभिनय करने का अवसर प्राप्त होगा | इसके द्वारा उनमें आत्मविश्वास की वृद्धि होगी | नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कई सम-सामयिक ज्वलन्त विषयों को नाटकीय रूप देकर प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके द्वारा आम जन उस विषय से सम्बंधित बातों एवं समस्याओं से अवगत होंगे और प्रतिभागियों में सामाजिक जागरूकता की भावना विकसित होगी |

१०) लोक गीत

उद्देश्य
लोक गीत, अभिव्यंजक संस्कृति का एक समूह है। इसमें मौखिक परंपराएं जैसे कि कहानियां, मिथक, किंवदंतियां, कहावतें, कविताएं, चुटकुले वगैरह शामिल हैं। लोकगीतों में भौतिक संस्कृति भी शामिल है, जैसे कि समूह के लिए सामान्य पारंपरिक भवन शैलियां। हम इस लोकगीत के माध्यम से भारतीय लोकगीतों को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे | इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों में भारतीय संस्कृति की व्यापकता, गहनता, विशिष्टता, सूक्ष्मता और वैविध्य के लोगों को परिचित करना तथा संस्कृति संरक्षण है |

११) हिन्दी टंकण

उद्देश्य
वर्तमान समय में छात्र हिन्दी टंकण से दूर होते जा रहे हैं | अतः यह प्रतियोगिता, प्रतिभागियों को हिन्दी टंकण का एक अवसर उपलब्ध कराएगा l इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में हिन्दी टंकण की क्षमता को विकसित करना, साथ ही उनके हिन्दी भाषा की वर्तनी के ज्ञान का मूल्यांकन करना है | प्रतियोगिता के द्वारा प्रतिभागी का हिन्दी भाषा के प्रति रूचि, इसके क्लिष्ट शब्दों से परिचय तथा उनमें प्रतियोगी भावना का विकास होगा |

१२) ब्लॉग लेखन

उद्देश्य
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रचनात्मकता और विचारशीलता को प्रोत्साहित करना है l साथ ही यह प्रतियोगिता छात्रों के सृजनशीलता तथा उनके विचारों को अभिव्यक्त करने का माध्यम है और उनमें निहित लेखन कौशल को आज के तकनीक से जोड़कर जन सामान्य तक पहुँचाने का एक सशक्त और सुसज्जित माध्यम है |

१३) कुछ तुम कहो, कुछ हम कहें

उद्देश्य
आज के अत्याधुनिक और प्रतिस्पर्धी युग में, जहाँ प्रभावी संचार, सहयोग और रचनात्मकता सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, छात्रों के बीच इन कौशलों को बढ़ावा देना आवश्यक है। प्रतियोगिता "कुछ तुम कहो कुछ हम कहें" का प्रारूप इस तरह से तैयार किया गया है, जहां छात्र अपनी सोचने की क्षमता, एकाग्रता और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ा सकते हैं। चित्रकारी, सृजनात्मकता तथा स्मरणशक्ति जैसी गतिविधियों के माध्यम से, यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को परस्पर सहयोग को बढ़ावा देते हुए कार्य करने का अवसर देता है ।

१४) संस्कृति के आठ रंग (रंगोली)

उद्देश्य
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य भारतीय भाषाओं एवं साहित्य की परम्परा, संस्कृति और कला को दूसरी अन्य भाषाओं के संगम द्वारा अपनी भावनाओं की रचनात्मक प्रस्तुति करना है | इससे प्रतिभागियों में समूह कार्य कौशल, कल्पनाशीलता एवं नवाचार आदि गुणों का विकास होगा, साथ ही वे भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों की भाषाओं के साहित्यकारों की उन कृतियों से अवगत होंगे, जिनकी मूल कृति का अनुवाद हिन्दी में हुआ है |

१५) स्टार्ट अप श्रीनाथ

उद्देश्य
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक प्रभावी और व्यावहारिक व्यवसाय योजना बनाने के कौशल प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों को निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलता है जैसे- व्यसायिक विचारों का विकास, वित्तीय प्रबंधन और योजना, मार्केटिंग रणनीति तैयार करना, व्यावहारिक अनुभव और नेटवर्किंग तथा इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्र एक मजबूत, व्यवहारिक और सफल व्यवसायिक योजना बनाकर एक उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

१६) लघु नाटिका

उद्देश्य
नाटक में जीवन की अनुकृति को शब्दगत संकेतों तथा शारीरिक हाव-भाव के द्वारा सजीव पात्रों के माध्यम से जीवन्त रूप में मंचित किया जाता है। लघु नाटिका विषय को संक्षेपित कर संदर्भित रूप से प्रस्तुत करने का एक माध्यम है। किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक पक्ष को विषय के रूप में ले कर निर्धारित समय सीमा में छात्रों द्वारा दी गई प्रस्तुति से उनके अभिनय कला, शारीरिक भाव भंगिमा तथा संवाद उत्कृष्टता का आकलन किया जाता है।

१७) रील्स संचार

उद्देश्य
आज के इस आधुनिक युग में जब प्रत्येक क्षेत्र उन्नति के नए आयामों को छू रहा है, संचार के माध्यमों में भी अप्रतिम परिवर्तन देखने को मिला है। समाज का प्रत्येक वर्ग सम्प्रेषण की नई परिभाषा को समझ भी रहा है और अपना भी रहा है। हिन्दी को इसी सम्प्रेषण के मार्ग से जोड़ने के लिए इस प्रतियोगिता की नींव रखी गई है। “अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव” की माला का यह एक पुष्प है, जिसमें विद्यार्थियों की सम्प्रेषण क्षमता को सृजनात्मकता के साथ हिन्दी की मुख्यधारा के साथ जोड़ने की कला को परखना ही प्रतियोगिता का एकमात्र उद्देश्य है।

१८) रेडियो श्रीनाथ

उद्देश्य
इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों में निहित लेखन कौशल को बढ़ावा देना है और साथ ही उनके वाचन कौशल को प्रकट करने के लिए मंच प्रदान करना है। जैसा कि इस प्रतियोगिता के नाम से स्पष्ट होता है कि रेडियो जॉकी के सादृश्य अपनी भावनाओं को सुसज्जित ढंग से प्रस्तुत करना कार्यक्रम का ध्येय है। आज युवा पीढ़ी पत्र लेखन से कहीं दूर होती चली जा रही है इसलिए उन्हें पुनः इस कौशल से जोड़ना इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य है।

१९) वाक् चातुर्य

उद्देश्य
लेखन एवं वाचन कला का हिन्दी साहित्य में विशेष स्थान रहा है। किसी भी विषय पर तत्काल ही कुछ अर्थपूर्ण तथा प्रभावी बोलना निश्चित रूप से एक कला है। यह प्रतियोगिता, प्रतिभागियों को एक अवसर प्रदान करता है, जिसमें वे अपनी बुद्धि एवं सृजनशीलता का प्रदर्शन सबके सम्मुख कर सके l यह प्रतियोगिता उनकी वाक् पटुता या चातुर्य पर पूर्ण रूपेण निर्भर करता है। प्रतियोगिता का उद्देश्य यह जाँचना है कि प्रतिभागी, मूक चलचित्र के अनुरूप किस प्रकार के वाक्यांशों या संवादों का चयन तीव्र गति से कर सकते हैं, जो दृश्य में नवीनता एवं सजीवता डाल दें।

२०) लोरी लेखन

उद्देश्य
लोरी संगीत की एक ऐसी विधा है, जो वात्सल्य भाव से परिपूर्ण होती है | इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपरा, सभ्यता और संस्कृति को अत्याधुनिक पीढ़ी से अवगत कराना है | साथ ही हमारे पूर्वजों में निहित गायन शैली को प्रस्तुत करने का तथा उनके प्रेम को प्रकट करने का एक अनूठा तरीका है | यह छात्रों के लेखन शैली, सृजनात्मक समझ, एकाग्रता, कल्पनाशीलता को प्रोत्साहित और विकसित करने का एक लघु प्रयास है |

२१) सूचना सृजन

उद्देश्य
सूचना आम जन तक किसी बात को पहुंचाने का सशक्त माध्यम होता है l इसके द्वारा कोई भी बात जनमानस तक सरलता से पहुंचाई जा सकती है, साथ ही इसका प्रभाव अत्यंत दूरगामी होता है l सूचना का महत्व किसी भी विभाग के लिए इसलिए बढ़ जाता है कि इसके द्वारा ही विभाग अपनी बातों को जन-जन तक पहुंचा सकते हैं l सूचना का महत्व को ध्यान में रखते हुए इसका सृजन किया जाता है, इसलिए सूचना लिखने वाले को इसके सृजन की बारीकियां से अवगत होना आवश्यक है, अन्यथा सूचना का उद्देश्य पूर्ण नहीं हो सकेगा l इस प्रतियोगिता का उद्देश्य प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार सरकारी विभागों के द्वारा निर्गत सूचना अधिसूचना का सृजन करना सीखना है, जो निश्चित रूप से उनके भावी जीवन में उपयोगी सिद्ध होगा ।

२२) कहानी से कविता तक

उद्देश्य
हम सबके बचपन को सजाने में कहानियों का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे साथ यही कहानियाँ बड़ी होती चली आ रहीं हैं, जिनको हम और आप चाव से पढ़ते-सुनते आए हैं l युग बदला, रूप बदले, बदली हमारी धरोहर, साथ ही हमारी कहानियों के रूप और रंग भी बदले हैं l यह प्रतियोगिता एक प्रयास है, जिससे हमारी साहित्यिक धरोहर को हम सृजनात्मक रूप दे सके l हिन्दी को इसी सम्प्रेषण के मार्ग से जोड़ने के लिए इस प्रतियोगिता की नींव रखी गई है। “अंतर्राष्ट्रीय श्रीनाथ हिन्दी महोत्सव,” के उपवन का यह एक पुष्प है, जिसमें विद्यार्थियों की सम्प्रेषण क्षमता को सृजनात्मकता के साथ हिन्दी की मुख्य धारा के साथ जोड़ने की कला को परखना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है।

सामान्य नीति-नियम एवं विशिष्ट निर्देश